क्या टूटेगी ठाकरे भाईयों के बीच की दीवार? विदेश यात्रा से राज लौटे और अब उद्धव का इंतजार, जानें क्या चल रहा


मुंबई: महाराष्ट्र में क्या ठाकरे भाईयों के बीच की दीवार गिरेगी? यह सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि राज ठाकरे ने कहा था कि उनके विदेश यात्रा से लौटने तक मनसे के कार्यकर्ता कोई बयानबाजी न करें। विदेश यात्रा से राज ठाकरे के लौटने के बाद अब उद्धव ठाकरे का इंतजार हाे रहा है। दोनों भाईयों को एक साथ देखने की हसरत संजोए लोगों को उम्मीद है कि बात आगे बढ़ेगी। महाराष्ट्र में इस साल के आखिरी तक बीएमसी और स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं। इन चुनावों के अक्तूबर या फिर इसके बाद होने की उम्मीद है। राज ठाकरे के बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने भी नरमी दिखाई थी। उन्होंने कहा कि चलिए मेरी तरफ से कोई झगड़ा नहीं था जो था भूल गए, लेकिन क्या आप बीजेपी जाएंगे या राज्य का हित देखेंगे। पहले यह तय कर लें कि मैं महाराष्ट्र का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ नहीं बैठूंगा।

लगातार टूट रही है यूबीटी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद उद्धव ठाकरे के सांसद और विधायक तो कम नहीं हुए हैं लेकिन पार्टी के नेता लगातार झटका दे रहे हैं। अभी हाल ही में दत्ता दलवी ने भी यूबीटी को छोड़ दिया। राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में यह कहकर राजनीतिक को गरमा दिया था महाराष्ट्र के लिए वह अपने मतभेद भुला सकते हैं। सूत्रों के अनुसार सोमवार की रात को राज ठाकरे अपने विदेश प्रवास से लौट आए। उनके करीबियों के अनुसार राज ठाकरे इंडोनेशिया के बाली गए थे। राज ठाकरे ने मनसे उद्धव ठाकरे के साथ जाने की लेकर जब बयानबाजी बढ़ गई थी तब कहा था कि 29 अप्रैल तक ना बोलें। मैं वापस लौटने के बाद खुद बात करूंगा। इसमें खटास डालने की कोशिश कर रहे अपनी पार्टी के कुछ बड़बोले नेताओं को चुप कराकर राज ने पहले ही एकजुटता के संकेत दिए थे।

कहां पर खड़ी हैं दोनों पार्टियां
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना यूबीटी के पास लोकसभा में 9 सदस्य हैं। राज्यसभा में दो सदस्य हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में 20 विधायक हैं जबकि विधान परिषद में पार्टी के पास सात सदस्य हैं। विधानसभा चुनावों में मनसे को कोई भी सीट नहीं मिल पाई थी। राज ठाकरे के बेटे अमित माहिम सीट से हार गए थे। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी द्वारा सपोर्ट नहीं किए जाने के कारण राज ठाकरे और मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार से नाराज हैं। ठाकरे बंधुओं के मिलन का इंतजार कर रहे समर्थन अब उद्धव ठाकरे की राह देख रहे हैं। तो इस बीच इसको लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यदि दोनों साथ आते हैं तो यह अच्छे के लिए है, जब दो परिवार एक साथ आते हैं, तो यह हमेशा सकारात्मक होता है।

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