पाकिस्तान पर बिल्कुल भरोसा नहीं, बॉर्डर से फिलहाल जवानों की तैनाती नहीं होगी कम


नई दिल्ली: सीजफायर होने के बाद फिलहाल कुछ दिनों तक तो पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात जवानों को नहीं हटाया जाएगा। इसका फैसला 12 मई को होने वाली डीजीएमओ की मीटिंग के बाद लिया जाएगा कि असल में ‘मूवमेंट’ का क्या करना है। अभी जवानों की नफरी में कुछ कमी या बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। हां, इतना जरूर है कि अब फायरिंग बंद कर दी गई है, लेकिन पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया तो पहले की तरह उसका जवाब जरूर दिया जाएगा।

बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान बॉर्डर पर उनकी मुस्तैदी पहले की तरह ही है। पाकिस्तान का कोई भरोसा नहीं। हां, जब डीजीएमओ मीटिंग के बाद दोनों देशों के बीच स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी और नतीजे सकारात्मक निकलते हैं तो फिर उसी हिसाब से बॉर्डर से तैनाती को कम किया जाता रहेगा। लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान की तरफ से 8 और 9 मई को भारत पर ड्रोन अटैक किया गया, उससे सबसे अधिक परेशानी बॉर्डर इलाकों में रहने वाले लोगों को ही उठानी पड़ी है।

जरूरत के मुताबिक, उन्हें शिफ्ट भी किया गया था और अब कुछ गांवों को खाली कराने पर भी काम किया जा रहा था। लेकिन अब सीजफायर होने से कम से कम बॉर्डर इलाके के गांवों को खाली तो नहीं कराया जाएगा। लेकिन जवानों की मुस्तैदी में कहीं कोई कमी नहीं आएगी। जवान पहले की तरह ही 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे ताकि पाकिस्तान की तरफ से कोई हरकत ना हो जाए या फिर घुसपैठ की कोशिश ना करा दी जाए। अधिकारियों का कहना है कि अब बॉर्डर इलाकों में भी हालात सामान्य होते जाएंगे।

आतंकियों का लॉन्च पैड तबाह किया
जम्मू सेक्टर में शुक्रवार रात करीब 9 बजे पाकिस्तानी रेंजर्स ने बिना उकसावे के बीएसएफ चौकियों पर गोलाबारी शुरू कर दी थी। इसके जवाब में बीएसएफ के जवानों ने पाकिस्तान के सियालकोट जिले के लूनी में पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र में स्थित आतंकवादियों के एक लॉन्च पैड को तबाह कर दिया। जवाबी फायरिंग में पाकिस्तानी रेंजर्स की चौकियों और संपत्तियों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा। हालांकि, सूत्रों ने यह भी बताया कि जम्मू में आरएस पुरा में पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी में बीएसएफ के आठ जवान घायल हो गए।

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