एक बंजारन लड़की और एक आईआईटियन बाबा ; पूरा कुंभ मेला मानों इन दोनों में उलझकर रह गया । पहले तो सब ठीक लगा था पर अब मुसीबत हो गई है । सच्ची बात यह है कि अति हो गई । बताइए , यू ट्यूबर्स और सोशल मीडिया ने 16 साल की एक लड़की को ब्यूटी पार्लर दिखा दिया , साड़ी पहनाकर लग्जरी कारों में घुमा दिया , सच कहें तो जबरिया मॉडल बना दिया । नतीजा देखिए , लड़की को ढांपकर घूंघट निकलवाकर उसके घरवाले उसे वापस घर लिवा ले गए ।
बंजारा समाज में उसकी बाकी जिंदगी मुसीबत में डाल दी । इसी तरह आईआईटी कर साधु बने एक युवा संत खुद भी तमाशा बने और यू ट्यूबर्स ने भी उन्हें विलेन बना डाला । नतीजा देखिए बाबा को अखाड़े ने निष्काशित कर दिया । अब कब उन्हें मेला छोड़कर चले जाना पड़े , कुछ पता नहीं । मोना से मोनालिसा बना दी गई मोना तो खैर वापस चली गई है । आईआईटी वाले बाबा कब तक टिकेंगे कहना मुश्किल है ।
ये सैकड़ों की संख्या में चले आए यू ट्यूबीए कुम्भ को तमाशा बनाने आए हैं । नागा संन्यासियों को तंग करते हैं , जब वे लकड़ी उठाकर उन्हें पीटते हैं तो वीडियो बनाते हैं और उसे भी वायरल कर देते हैं । इसी तरह बैरागी बाबाओं के मना करने पर भी उनके पीछे पड़े रहते हैं । जैसे जैसे कुंभ मेले का मुख्य स्नान मौनी अमावस पास आ रहा है , इनकी संख्या बढ़ने लगी हैं । यूं भी हर जेब में मोबाइल है और सभी वीडियो बना रहे हैं । लेकिन कोई भी कुंभ के रंग नहीं दिखा रहा । त्याग तपस्या क्या है , उसे वायरल नहीं कर रहा ।
हां अखबारों में असली कुंभ है , उसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि है और कुंभ के महत्व पर अनेक आलेख हैं । टीवी मीडिया पर अनेक अच्छी स्टोरीज आई हैं । यू ट्यूब पर भी कुंभ उपलब्ध है । बस ये टटपूंजिया यू ट्यूबर कुंभ छोड़कर तमाशों की तलाश में भटक रहे हैं । कुंभ मेला भारतीय सभ्यता का ऐसा अनोखा पृष्ठ है , जिसकी मिसाल दुनियां में कहीं नहीं मिलती । यह संसार का सबसे बड़ा मेला है जो हर तीसरे वर्ष किसी न किसी कुंभ नगर में भरता है । कुंभ महापर्व की विराटता का उपहास उड़ाने वालों को बाहर निकालिए , यह तमाशा अब बंद कीजिए ।