पत्नी को मेंटेनेंस न देने वाले पति को एक साल कारावास की सजा


मुंबई : चार साल से पत्नी को मेंटेनेंस न देने वाले पति को एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है। बांद्रा कोर्ट ने गुजारा भत्ता देने के प्रति उदासीनता दिखाने के मामले में पति को सालभर के लिए जेल भेजा है। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि जैसे ही पति मेंटेनेंस की राशि जमा करेगा, उसे सजा पूरी होने से पहले ही जेल से रिहा कर दिया जाएगा।

पत्नी ने मेंटेनेंस की राशि न मिलने पर कोर्ट में आवेदन किया था। आवेदन के अनुसार, मेंटेनेंस के रूप में उसके पति पर 38.25 लाख रुपये बकाया हैं। कोर्ट ने पहली बार जून 2021 में 75,000 रुपये का अंतरिम मेंटेनेंस देने का आदेश जारी किया था। दूसरे आदेश में यह रकम 1.25 लाख रुपये तय की गई। सुनवाई के दौरान मैजिस्ट्रेट ने पाया कि पति को यह अच्छी तरह से पता था कि मेंटेनेंस की रकम का भुगतान न करने के क्या परिणाम हो सकते हैं। इसके बावजूद उसने भुगतान करने में तत्परता नहीं दिखाई।

‘मेंटेनेंस देने से बच रहा है पति’
सुनवाई के बीच पति ने कहा कि फिलहाल वह दो लाख रुपये मेंटेनेंस के तौर पर देने को तैयार है, जबकि पत्नी की वकील ने कहा कि मेंटेनेंस की बकाया राशि में से 50% रकम के भुगतान का निर्देश दिया जाए। पति जानबूझकर मेंटेनेंस की रकम देने से बचने की कोशिश कर रहा है। मैजिस्ट्रेट ने कहा कि पर्याप्त समय और अवसर देने पर भी पति ने मेंटेनेंस भुगतान के आदेश का पालन नहीं किया है, ऐसे में पति को जेल भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मैजिस्ट्रेट ने कहा कि जितने महीने तक मेंटेनेंस की राशि का भुगतान नहीं किया गया हो, उतने महीने की सजा का प्रावधान है। हालांकि यह सजा एक साल से अधिक की अवधि की नहीं हो सकती। इस वजह से कोर्ट ने पति को एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है।

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