मुंबई: आज बुधवार (2 अप्रैल) को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में विधेयक पेश किया। वक्फ विधेयक पेश होने के बाद इस पर सदन के अंदर और देश भर में चर्चा हुई।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किए जाने के बाद एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा हम इस वक्फ संशोधन विधेयक को स्वीकार नहीं करते हैं और इसका कड़ा विरोध करते हैं क्योंकि यह असंवैधानिक है। इस विधेयक में पेश किए गए संशोधनों से साफ पता चलता है कि भाजपा की मंशा वक्फ की रक्षा करना नहीं बल्कि इसे नष्ट करना है।
हम वक्फ बिल का समर्थन नहीं करते
वक्फ बिल पर AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा, “हमने पहले भी कहा है, हम बिल का समर्थन नहीं करते, हम इसका विरोध करते हैं क्योंकि यह असंवैधानिक है, यह संविधान के अनुच्छेद 14, 24, 25, 26 का उल्लंघन है। संशोधन साबित करते हैं कि भाजपा की मंशा ठीक नहीं है।
उन्होंने भाजपा की नीयती को गलत बताते हुए कहा, “इसे वक्फ संपत्तियों को हड़पने के लिए लाया गया है। यह काला कानून है, तानाशाही है। वक्फ संपत्तियां अल्लाह की अमानत हैं, लोगों ने दान में दी हैं, आप कैसे दखल दे सकते हैं। अब वे बोर्ड में गैर-मुस्लिम चाहते हैं, क्या अन्य धर्मों के बोर्ड में यह संभव है?”
वारिस पठान ने आगे कहा, “कानून के साथ, अधिकारियों के पास विशेष अधिकार होंगे। ऐसी कई चीजें हैं जो दिखाती हैं कि इससे मुसलमानों को कोई फायदा नहीं होगा। यह वक्फ को खत्म करने के लिए है। हम चाहते हैं कि मोदी सरकार इस बिल को वापस ले।”
हालांकि, सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने वक्फ बिल का स्वागत किया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “वक्फ पर शिवसेना का रुख हमेशा से बहुत स्पष्ट रहा है। हम बालासाहेब की विचारधारा का पालन करते हैं और हम सत्ता और स्वार्थ के लिए विचारधारा से कभी समझौता नहीं कर सकते।”