56 महीनों से महाराष्ट्र में रोज 8 किसान कर रहे खुदकुशी


महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव-पाटिल ने कहा कि यह आंशिक रूप से सच है कि राज्य में पिछले 56 महीनों के दौरान औसतन आठ किसानों ने प्रतिदिन आत्महत्या की है। वह विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधान पार्षद शिवाजीराव गर्जे की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

मुंबई: महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव-पाटिल ने कहा कि यह आंशिक रूप से सच है कि राज्य में पिछले 56 महीनों के दौरान औसतन आठ किसानों ने प्रतिदिन आत्महत्या की है। वह विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधान पार्षद शिवाजीराव गर्जे की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे। जाधव ने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर और अमरावती रीजन में किसानों की आत्महत्या की संख्या अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक है।
मंत्री ने किसानों की आत्महत्या में योगदान देने वाले कारकों और प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। मंत्री की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल मराठवाड़ा रीजन में 952 किसानों ने आत्महत्या की, अकोला में 168, वर्धा में 112, बीड में 205 और अमरावती रीजन में 1,069 किसानों ने आत्महत्या की।
एक जनवरी से 31 दिसंबर 2024 के बीच छत्रपति संभाजीनगर रीजन में 952 किसानों ने आत्महत्या की। इनमें से 707 सहायता पाने के लिए पात्र थे और 433 मामलों में सहायता प्राप्त की गई थी। बीड जिले में 167 मामलों में सहायता को मंजूरी दी गई और 108 मामलों में वित्तीय सहायता दी गई।

जालना के क्या आंकड़े?मंत्री ने कहा कि अमरावती रीजन में 441 मामलों में किसान सहायता के लिए पात्र थे और 332 मामले में सहायता प्राप्त की गई। एक विशिष्ट प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि जालना जिले के मंथा तालुका में अप्रैल 2023 और सितंबर 2024 के बीच 13 किसानों ने आत्महत्या की। (इनपुट एजेंसी)

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